एग्री लोन / कृषि ऋण
एग्री लोन / कृषि ऋण
किसान विस्तार सहयोग केंद्र के सहयोग से किसान बंधुओं के लिए समस्त प्रकार के एग्रीकल्चर लोन की जानकारी एवं उसको दिलाने के लिए मदद करेगा। किसान बंधुओ को नहीं पता इस तरह की योजनाओं के बारे में, किसे और कितना लाभ सरकार के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। केंद्र फूड पिसार्वेटिव यूनिट, कुटीर उद्योग, टिनी इंडस्ट्री आदि उद्योगों के विकास के चलते किसान बंधुओ को लाभान्वित करने में अहम भूमिका निभाएगा।
सेवाएं:- मशीनरी और उपकरण, ग्रीन हाउस/पॉली हाउस, गोदाम, शीतगृह
एग्री लोन और कृषि लीन कृषि सेक्टर में उपयोग किए जाने वाले ऋण होते हैं। ये ऋण किसानों को कृषि उपकरणों, बीज, कीटनाशक आदि खरीदने और खेती के लिए विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करते हैं।
कृषि ऋण के लिए आप स्थानीय बैंक, कृषि कूटीर या कृषि वित्त निगम से संपर्क कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों हो सकती है।
कृषि ऋण आवश्यक होते हैं क्योंकि खेती के लिए आवश्यक उपकरणों, समानों और सेवाओं की खरीदारी करने के लिए अक्सर धन की आवश्यकता होती है।
किसानों को एग्री लोन स्थानीय बैंकों, कृषि कूटीर या कृषि वित्त निगमों से मिलते हैं।
कृषि लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित हो सकते हैं:
आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि
खेत का प्रमाणपत्र
अनुमानित कुल उत्पादन, दिनांक, समय और फसल का नाम
बैंक स्टेटमेंट, आय टैक्स रिटर्न, वेतन पर्चा आदि
कृषि ऋण के भुगतान के लिए आमतौर पर महीनेभर के अवधि के लिए चुकाने की आवश्यकता होती है। यह भुगतान स्थानीय बैंक, कृषि कूटीर या कृषि वित्त निगम के माध्यम से किया जा सकता है।
ब्याज दर कंपनी, बैंक या अन्य ऋण दाता तथा कृषि लोन के राशि पर निर्भर करती है। आमतौर पर, यह ब्याज दर अधिकतम 12-15% तक हो सकती है।
एग्री लोन के लिए कॉलेटरल की राशि ऋण दाता कंपनी या बैंक से निर्धारित की जाती है। कुछ कंपनियां केवल फसल या उत्पाद के लिए कॉलेटरल की मांग करती हैं, जबकि कुछ ऋण दाता कंपनियां भूमि, संपत्ति, गाड़ियों और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के लिए कॉलेटरल की मांग करती हैं।
कृषि लोन की व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाने वाले कुछ विशेष बैंकों द्वारा की जाती है। उनमें से कुछ बैंक निम्नलिखित हैं:
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
- भारतीय कृषि अनुदान निगम
- राष्ट्रीय बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
- हरियाणा स्टेट कोऑपरेटिव बैंक
कृषि ऋण में ब्याज दर वार्षिक होती है। ऋण दाता कंपनी या बैंक आमतौर पर ऋण की मासिक किश्तों के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं, लेकिन वे इसके आधार पर वार्षिक ब्याज दर निर्धारित करते हैं।
कृषि लोन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
किसान को कृषि लोन देने वाले बैंक या ऋण दाता कंपनी से संपर्क करना होता है।
उन्हें ऋण के लिए आवेदन पत्र भरना होता है। आवेदन पत्र में किसान के व्यक्तिगत और कृषि सम्बंधित जानकारी होनी चाहिए।
ऋण दाता कंपनी या बैंक द्वारा आवेदन पत्र के साथ कॉलेटरल की जांच की जाती है।
जब आवेदन पत्र और कॉलेटरल की जांच पूरी हो जाती है, तब ऋण दाता कंपनी या बैंक किसान को ऋण की मान्यता देती है या नहीं देती है।
कृषि लोन के लिए आवेदन करने से पहले किसान को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
उन्हें अपनी जमीन का रिकॉर्ड अच्छी तरह से जानना चाहिए।
उन्हें ऋण दाता कंपनी या बैंक से उनके लिए सही लोन योजना चुनने के लिए सलाह लेनी चाहिए।
उन्हें ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे कि पहचान पत्र, जमीन के रिकॉर्ड, किसान कार्ड, कृषि संबंधित दस्तावेज और बैंक खाता नंबर जमा करने की आवश्यकता होगी।
कृषि लोन और एग्री लोन बहुत ही महत्वपूर्ण साधन हैं जो किसानों को विभिन्न समस्याओं से निकालने में मदद करते हैं। किसानों को इन लोनों के बारे में सही जानकारी होना चाहिए, जिससे वे इससे संबंधित समस्याओं से बच सकें और अपनी खेती के लिए आवश्यक धन का उपयोग कर सकें।